Kiran Mishra

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लेखनी कहानी -01-Jul-2023

विषय- जब अकेला रहा तो उसकी याद आयी

जब अकेला रहा तो उसकी याद आयी
किस क़दर भुला दूं मैं उसकी बेवफाई

ख़ामोश आँखें छुप-छुप काम के बहाने
बेहिसाब टूटे दिल-ए-हालात को रुलायी

टूटी तक़दीर दरख़्तों को बखूबी सम्भाली
तो शबनम- ए-शब को बेइन्तिहाँ तड़पायी

ज़िन्दगी पल -पल मौत से बग़ावत करती
इक सबक ही ज़िन्दगी की आरज़ू बढ़ायी

वक़्त लेता रहा बेशक इम्तिहान भी मेरा
तिरी चाहत ही रिश्ते में कारोबारी बनायी

बेमुरव्वत दिल से पायी मुहब्बत की सजाएं
ठीक है ये पैतरा भी तू मुझपर ही आजमायी॥ किरण मिश्रा #निधि#
आधेअधूरे मिसरे/ प्रसिद्ध पंक्तियाँ

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2 Comments

बेहतरीन

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Milind salve

13-Aug-2023 01:25 AM

Nice

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